In our Switch Mantra series, the 4th mantra which we are going to share, works as a very strong ‘Protection-Shield’.
Switch Mantra - 4 is :
'BALAAYE KAWACHAAYE HUM'
The meaning of ‘Balaaye’ is – danger, adversity or trouble.
The meaning of ‘Kawachaaye’ is – shield or armor (protective covering made of metal used by the warriors).
In ‘Hum’ – ‘H’(ह) means ‘Shiva’ or ‘sun’ or ‘fire’ , ‘U’ (ऊ) means –‘Bhairav’, ‘Dot’ means – removal of troubles. So, the meaning of this Beej is – 'May Shiva or Bhairav remove all my sorrows and troubles.'
Thus, the Switch Mantra 'BALAAYE KAWACHAAYE HUM' creates a shield with the power of Shiva, Bhairav and fire to protect us from danger and removes all our troubles and sorrows.
With this Switch Mantra, one aspires for complete protection and creates a protective energy shield for oneself. Chanting of this Switch Mantra instantly forms an invisible protection-shield in the auric field of a person, that protects him from all kinds of negative energies, dangers and adversities.
'This Switch Mantra needs to be chanted in one breath. while chanting Hum breath should be exhaled from the navel point. The sound of ‘Hum’ projects the prana energy in the form of fire to create a shield around us.'
This Switch Mantra can be chanted every morning to form a protection-shield in our aura. Before starting any new work or project; while going to some new city or new job OR in the state of fear, this switchword helps a lot.
Chanting this Switch Mantra only for 5-7 times is enough to make it effective.
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स्विचमन्त्र सीरीज़ में हम जो चौथा मन्त्र बताने जा रहे हैं, वो शक्तिशाली ‘सुरक्षा कवच’ के रूप में काम करता है |
स्विच मन्त्र – 4 इस प्रकार से है –
'बलाय कवचाय हुं'
‘बलाय’ का अर्थ है - संकट, अनिष्ट या विपत्ति | ‘बल’ का एक अर्थ – ताकत या शक्ति भी होता है |
‘कवचाय’ का अर्थ है – बाह्य आक्रमण से सुरक्षा हेतु बनाया गया पहनावा या युद्ध में सैनिकों द्वारा पहना जाने वाला लोहे का आवरण |
‘हुं’ में – ‘ह’ का अर्थ है – शिव या सूर्य(अग्नि) , ‘ऊ’ का अर्थ है – भैरव , बिंदु का अर्थ है – दु:ख हरण , इस प्रकार इस बीज का अर्थ है – शिव या भैरव मेरे दु:खों का हरण करें |
इस प्रकार ‘बलाय कवचाय हुं’ मन्त्र शिव, भैरव या अग्नि की शक्ति द्वारा कवच बना कर किसी भी बला अर्थात् संकट या अनिष्ट से रक्षा करता है और हमारे संकटों का हरण करता है |
इस स्विच मन्त्र द्वारा व्यक्ति सर्वथा सुरक्षित होने की भावना करता है और स्वयं के लिये रक्षाकारी तेज को उद्दीप्त करता है | इस स्विचमन्त्र के उच्चारण से शरीर के बाह्य मंडल में ‘तुरंत’ अदृश्य सुरक्षा कवच बन जाता है, जो कि अभेद्य होता है | यह सुरक्षा कवच हर प्रकार की नकरात्मक ऊर्जाओं (negative energies) से, हर प्रकार के संकटों से, कष्टों से हमारी रक्षा करता है |
* इस स्विच मन्त्र का उच्चारण एक ही श्वास में करना चाहिये | ‘बलाय कवचाय हुं’ में ‘हुं’ बोलते समय नाभि से श्वास निकलना चाहिये | ‘हुं’ ध्वनि प्राण केंद्र से तीव्रता से अग्नि रूप में प्रक्षेपित होती है ।*
इस स्विचमन्त्र का जाप आप नित्य सुबह अपने ऊर्जा मंडल (aura) में सुरक्षा-कवच (protection-shield) बनाने के लिये कर सकते हैं | किसी भी नये काम को शुरू करने से पूर्व, किसी नये शहर में जाने पर, नये काम पर जाते समय, डर या भय की स्थिति में इस स्विचमन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिये |
इस स्विच मन्त्र का मात्र 5-7 बार का जाप ही प्रभावशाली होता है |