Our second switch mantra is for manifesting any of our desires.
Second Switch Mantra is -
*KAAMI – KAAMPRADAH – AANAND*
‘क’(Ka) being the first consonant in Sanskrit, the sound K(क) serves to stimulate and originate the work and give its motion.
The letter Ka is most important in the Shakti mantra. The letter Kam represents earth and kundalini.
Kam is seed sound of ‘Kamna’ (desire). ‘Ka’ also stands for ‘Kriya shakti’ (action). For manifestation, there needs to be a desire & then, action must be taken to work for the manifestation of that desire.
In this switch mantra –
‘Kaami’ means ‘one having desire’. One needs to first have a desire for its manifestation.
‘Kaampradah’ means – ‘One who fulfills the desires’. This also represents the name of Lord Vishnu, Krishna & Maa Kali.
‘Aanand’ means –‘joy’ or ‘Bliss’. When our desires are fulfilled we feel joy and on the other hand, being in the state of bliss automatically helps in manifestation of our desires.
Thus, when combined together, “KAAMI- KAAMPRADAH – AANAND”, makes a very powerful switch mantra for the manifestation.
chant this mantra at least 108 times daily, try to chant it as much as possible. Keep chanting it mentally to manifest prosperity & stability in your life. Chant this mantra for at least 40 days to get desired results & Do share your valuable feedback with us.
_____
हमारी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिये स्विचमन्त्र है -
'कामी - कामप्रद: - आनन्द'
वर्णाक्षर में व्यंजन `क' की ध्वनि से आरंभ होते है, व्यंजन प्रकृति की ऊर्जा के रूप में माने जाते है। ‘क’ की ध्वनि कार्य की जनक है और क्रिया शक्ति भी है; ‘क’ ही कार्य को गति प्रदान करता है | आसमान की शक्ति भी पृथ्वी पर ‘क’ (क्रिया) द्वारा ही प्रकट होती है |
‘क’ पृथ्वी, प्रकृति और कुंडलिनी शक्ति का भी प्रतीक है | 'क' शक्ति का प्रथम रूप हैl
‘क’ कामबीज है | यह कामना की बीज ध्वनि है | किसी भी manifestation का मूल ‘क’ ही है | मन का प्रथम विचार ‘क’ (कामना) है, फिर ‘क’ (क्रिया शक्ति) से ही कामना की पूर्ति (manifestation) होती है |
‘कामी’ का अर्थ है – ‘कामनायुक्त’ | कामनापूर्त्ति के लिये पहले कामना का होना आवश्यक है | यह भगवान विष्णु का एक नाम है और भगवान शिव के लिये प्रयुक्त होने वाला विशेषण भी है |
‘कामप्रद:’ का अर्थ है – कामना को पूर्ण करने वाला | ‘क’ का भाव ‘कृष्ण’ भी है और ‘काली’ भी | ये श्रीहरि का एक नाम है |
‘आनन्द’ का अर्थ है – मन का सुख | जहां कामना की पूर्ति आनन्द देती है, वहीं आनन्द की अवस्था में हमारी सभी कामनायें फलीभूत होने लगती हैं और हमारे सभी कार्य सिद्ध होने लग जाते हैं |
'कामी – कामप्रद: - आनन्द', ये तीनों ही श्रीहरि के नाम भी हैं | इस प्रकार, ये स्विचमन्त्र अति प्रभावशाली है और इसका निरंतर जाप हमारी मनोकामनाओं को शीघ्र परिपूर्ण करता है |
रोज 108 बार जप करने के साथ-साथ दिन में जब भी सम्भव हो, इसका मानसिक जप करते रहें | मानसिक जप आप कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं | जितना अधिक इस स्विचमन्त्र का ध्यान करेंगे, उतनी अधिक इस स्विचमन्त्र की शक्तियाँ आपको प्राप्त होती जायेंगी और आपकी मनोकामनायें तुरंत पूर्ण होने लगेंगी |
पूर्ण प्रभाव की प्राप्ति के लिये कम से कम 40 दिन इस स्विचमन्त्र का जाप करें और अपनी अमूल्य feedback हमें अवश्य देते रहें |